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Showing posts from March, 2025

Emblem of Iran and Sikh Khanda

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ईरानी प्रतीक चिह्न और सिखों के खंडे में क्या है अंतर पहली नजर में देखने पर सिखों के धार्मिक झंडे निशान साहिब में बने खंडे के प्रतीक चिह्न और इरान के झंडे में बने निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न में काफी सम्मानता नजर आती हैं परन्तु इनमें कुछ मूलभूत अन्तर हैं जैसे कि :   Colour : खंडे के प्रतीक चिह्न का आधिकारिक रंग नीला है वहीं ईरानी प्रतीक चिह्न लाल रंग में नज़र आता है। Established Year : खंडे के वर्तमान प्रतीक चिह्न को सिखों के धार्मिक झंडे में अनुमानतन 1920 से 1930 के दरमियान, शामिल किया गया था। वहीं निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न को ईरान के झंडे में 1980 की ईरानी क्रांति के बाद शामिल किया गया था। Exact Date : इस ईरानी प्रतीक चिह्न को हामिद नादिमी ने डिज़ाइन किया था और इसे आधिकारिक तौर पर 9 मई 1980 को ईरान के पहले सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी जी ने मंजूरी के बाद ईरानी झंडे में शामिल किया गया। वहीं सिखों के झंडे का यह वर्तमान प्रतीक चिह्न विगत वर्षो के कई सुधारों का स्वरूप चिह्न है इसलिए इसके निर्माणकार और निर्माण की तिथि के बारे में सटीक जानकारी दे पाना बहुत जटिल बात है, ...

Sabarimala Temple

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                 सबरिमलय मंदिर  नमस्कार साथियो स्वागत है आपका दक्षिण भारत की एक सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा में जो जुड़ी है केरल राज्य के सबरिमाला मंदिर से यदि आप भी इस अध्यात्मिक यात्रा पर जाना चाहते है पर बहुत से प्रश्न और जिज्ञासाए है आपके मन में तो उन सभी का स्टीक हल एक एक करके आपको मिलने वाला है। सबरीमाला मंदिर  जैसा कि आप जानते हि है कि सबरीमाला मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु जी के पुत्र भगवान अयप्पा स्वामी को समर्पित है। घने जंगलो में पहाड़ी की चोटी पर स्थित तकरीबन 800 साल पुराना यह दिव्य मंदिर कोई साधारण मंदिर नही अपितु समूचे अध्यात्मिक जगत का मूल केन्द्र है यहां बरसती है अय्यप्पा स्वामी की अमृत वर्षा। इस दिव्य मंदिर के अपने ही विशिष्ट प्रकार के अध्यात्मिक नियम और विधि विधान है। इन नियमों को 41 दिनो तक विधिवत रूप से पूरा करने वाला स्वामी भगत ही मंदिर परिसर में मौजूद पवित्र 18 सीढ़ियों को चढ़ने का अधिकारी बन पाता है। इन पवित्र 18 सीढियो में प्रत्येक सीढ़ी का अपना विशेष महत्व है।  अठारह पवित्र सीढ़ियाँ श...