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Showing posts from November, 2020

Emblem of Iran and Sikh Khanda

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ईरानी प्रतीक चिह्न और सिखों के खंडे में क्या है अंतर पहली नजर में देखने पर सिखों के धार्मिक झंडे निशान साहिब में बने खंडे के प्रतीक चिह्न और इरान के झंडे में बने निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न में काफी सम्मानता नजर आती हैं परन्तु इनमें कुछ मूलभूत अन्तर हैं जैसे कि :   Colour : खंडे के प्रतीक चिह्न का आधिकारिक रंग नीला है वहीं ईरानी प्रतीक चिह्न लाल रंग में नज़र आता है। Established Year : खंडे के वर्तमान प्रतीक चिह्न को सिखों के धार्मिक झंडे में अनुमानतन 1920 से 1930 के दरमियान, शामिल किया गया था। वहीं निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न को ईरान के झंडे में 1980 की ईरानी क्रांति के बाद शामिल किया गया था। Exact Date : इस ईरानी प्रतीक चिह्न को हामिद नादिमी ने डिज़ाइन किया था और इसे आधिकारिक तौर पर 9 मई 1980 को ईरान के पहले सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी जी ने मंजूरी के बाद ईरानी झंडे में शामिल किया गया। वहीं सिखों के झंडे का यह वर्तमान प्रतीक चिह्न विगत वर्षो के कई सुधारों का स्वरूप चिह्न है इसलिए इसके निर्माणकार और निर्माण की तिथि के बारे में सटीक जानकारी दे पाना बहुत जटिल बात है, ...

Shri Kashi Vishwanath jyotirlingakaise jaye

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                        श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे नमस्कार साथियों अपने इस लेख के माध्यम से में आप जी को अपनी काशी विश्वनाथ जी की दर्शन यात्रा का सम्पूर्ण विवरण बताने जा रहा हूँ जो कि इस प्रकार से है। श्री काशी विश्वनाथ जी के दर्शनों के लिए जाने के लिए सर्वप्रथम आप जी को अपने शहर से सड़क या रेल मार्ग से वाराणसी , अन्य नाम बनारस या फिर कहिए काशी पहुंचना होगा। वाराणसी में तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। वाराणसी जंक्शन, बनारस रेलवे स्टेशन (पूर्व नाम – मंडुआडीह रेलवे स्टेशन), पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (पूर्व नाम-  मुग़ल सराय जंक्शन) इनमें से  अधिकांश यात्री वाराणसी जंक्शन को हि प्राथमिकता देते हैं। मैंने अपनी दर्शन यात्रा की शुरुआत दिल्ली के आन्नद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन   की मैंन वाराणसी आने जाने की रेल टिकट पहले ही बुक करवा ली थी। दिनांक 20-11-2020 को गाड़ी संख्या 03258 ने ठीक 1:30 pm पर रेलवे स्टेशन से रवानगी ली। अगले दिन ठीक 2:45 am पर भोर के समय में वाराणसी जंक्शन   पहुंच गया। स्टे...

Kedarnath jyotirlinga kaise jaye

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                                    केदारनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे नमस्कार साथियों अपने इस लेख के माध्यम से में आप जी को अपनी केदारनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा का सम्पूर्ण विवरण बताने जा रहा हूँ जो कि इस प्रकार से है। केदारनाथ धाम जाने के लिए आपको सर्वप्रथम रेल या बस के माध्यम से हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचना होगा। इसके आगे सोनप्रयाग तक का सफर आप को बस या शेयरिंग जीप से तय करना होगा। सोनप्रयाग से गोरीकुंड फिर आपको शेयरिंग जीप के माध्यम से ही जाना होगा। गोरीकुंड से ही केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा की शुरुआत होती है। कोरोना महामारी के कारण पूरा भारत बंद था और में बड़ी उत्सुकता से लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहा था कि कब हालात थोड़े सामान्य हों और कब में केदारनाथ दर्शन करने जाऊँ। इस बीच यू ट्यूब पर सितम्बर माह में यात्रियों की केदारनाद दर्शन यात्रा  की वीडियो अपलोड होने लगी इससे मेरी आस को पुनः बल मिलने लगा। परमात्मा की कृपा से 1 अक्टूबर 2020 को मैने भी उतराखंड स्मार्ट सिटी तथा चार धाम देवदर्शन बो...