Dr Virendra Kumar Oberoi ji
Anand Parbat
2 ₹ वाले डाक्टर साहिब जी
हमारे देश में डाक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है पर आज के बदलते समाज में कुछ लालची डाक्टरों ने अपने इस महान पेशे को पैसे कमाने का एक असान धंधा बना लिया है ऐसे लालची डाक्टर चाहे वह छोटे हो या बड़े या तो मरीज की हैसियत देखकर इलाज करते हैं या हेल्थ इंश्योरेंस प्लान।
सभी ईमानदार डॉक्टर्स से क्षमा का जाचक हूँ।
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हार्ट अटैक हो गया
डॉक्टर कहता है Streptokinase इंजेक्शन ले के आओ इंजेक्शन की असली कीमत 700 से 900 ₹ के बीच है पर उसपे MRP 9000 ₹ का है। आप क्या करेंगे ?
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टाइफाइड हो गया
डॉक्टर ने लिख दिया कुल 14 Monocef लगेंगे होल सेल दाम 25 ₹ है। अस्पताल का केमिस्ट आपको 53 ₹ में देता है आप क्या करेंगे ?
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किडनी फेल हो गयी
हर तीसरे दिन Dialysis होता है Dialysis के बाद एक इंजेक्शन लगता है MRP शायद 1800 ₹ है
आप सोचते हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले लेता हूँ आप पूर हिन्दुस्तान खोज मारते हैं , कही नहीं मिलता क्यों ?
कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर को सप्लाई देती है।
इंजेक्शन की असली कीमत 500 ₹ है पर डॉक्टर अपने अस्पताल में 1800 ₹ का देता है आप क्या करेंगे ??
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इन्फेक्शन हो गया
डॉक्टर ने जो Antibiotic लिखी वो 540 ₹ का एक पत्ता है वही किसी दूसरी कम्पनी का 150 ₹ का है और जेनेरिक 45 ₹ का पर केमिस्ट आपको मना कर देता है जेनेरिक हम रखते नहीं मजबूरी में आपको वही दवाई लेनी पड़ेगी जो डॉक्टर साहब ने लिखी है यानी 540 ₹ वाली आप क्या करेंगे ?
• बाज़ार में Ultrasound Test 750 ₹ में होता है चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240 ₹ में करती है 750 ₹ में डॉक्टर का कमीशन 300 ₹ है। आप क्या करेंगे ?
• MRI में डॉक्टर का कमीशन 2000 से 3000 ₹ के बीच है। आप क्या करेंगे ?
डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट , ये नंगा नाच , बेधड़क , बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है।
Pharmaceutical कम्पनियों की Lobby इतनी मज़बूत है की उसने देश को सीधे - सीधे बंधक बना रखा है।
डॉक्टर्स और दवा कम्पनियां मिली हुई हैं दोनों मिल के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं।
सबसे बडा यक्ष प्रश्न
मीडिया
Doctor's , Hospital's और Pharmaceutical कम्पनियों की , ये खुली लूट क्यों नहीं दिखाता ?
मीडिया नहीं दिखाएगा , तो कौन दिखाएगा ?
मेडिकल Lobby की दादागिरी कैसे रुकेगी ?
इस Lobby ने सरकार को लाचार कर रखा है ?
Media क्यों चुप है उसे हिन्दू मुस्लिम का रोना रोने से ही फुर्सत नहीं मिलती।
20 के 40 ₹ मांगने पर छोटे ऑटोरिक्शे वाले को तो आप कालर पकड़ कर मारने को तैयार हो जाते हैं पर डॉक्टर साहब को आप कुछ नहीं कह सकते।
खैर हकीकत से हम लोग भलीभाँति अवगत है कि वास्तव में डाक्टर साहिब जी इलाज के समय में आपके काम धंधे या इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में इसलिए भी ज्यादा पूछते हैं कि आपको काटना कहां तक है। मेरे इस लेख का मकसद सभी डाक्टरों की बुराई करना कत्य ही नहीं है बल्कि भ्रष्ट डॉक्टरों की पोल खोलना है साथ ही आपको
डॅा. श्री वी के ओबेरॉय जी जैसी महान शख्सियतों से अवगत कराना है क्योंकि डाक्टरी के काम को महान बनाने का श्रेय इन्हीं लोगों को जाता है इन जैसे लोगों के कारण हि लोग डाक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं।
आप लोग यह जानकर हैरान होंगे कि दिल्ली जैसे महेंगे शहर में यहाँ डाक्टर हाथ लगाने के कम से कम 50 ₹ ले लेते हैं वहीं यह साहब मात्र 10 ₹ में मरीज़ को देखते ही नहीं दवाएं भी देते हैं पहले पहल इनकी फीस मात्र 2 ₹ हुआ करती थी बाद में यह 5 ₹ और आजकल 10 ₹ है
इसी फीस के कारण हि इनका नाम 2 ₹ वाला डाक्टर पड़ा दिल्ली शहर के बड़े बड़े अस्पतालों के नामी गरामी डाक्टर भी इनके आगे बौने नजर आते हैं जानते है क्यों क्योंकि जनता की सच्चे मन से सेवा करके जो इज्जत और दुआओं की दौलत इन्होने इक्टठा कि है शायद ही किसी और डाक्टर के पास होगी।
डाक्टर साहिब नित्य प्रति अपना दवा खाना सुबह 9 बजे से 1 बजे फिर शाम को 5 से 8 बजे तक खोलते है और डाक्टर साहब की दुकान पर हर तबक़े का मरीज दवा लेने आता है और निरोगता पाता है।
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