Emblem of Iran and Sikh Khanda

तिरूपति बालाजी दर्शन यात्रा के लिए आप जी को अपने शहर से सड़क रेल या हवाई मार्ग से तिरूपति पहुंचना होगा। सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन तिरूपति और रेनीगुंटा है।
तिरूपति बालाजी की दर्शन यात्रा पर जाने के लिए मैंने अपनी ट्रेन की टिकट तो पहले से ही दिनांक 1-10-2021 की बुक करवा ली थी पर कोरोना प्रोटोकॉल के चलते तिरूपति में दर्शन करने के लिए दर्शन टिकट का होना भी अनिवार्य था। किसी को भी बिना दर्शन टिकट के तिरूमला जाने की अनुमति नहीं थी। खैर जिस दिन सितम्बर माह का कोटा रिलिज होना था उस दिन तिरूपति देवस्थान की वाबसाईड क्रैश कर कर गई। मेरे साथ कई लोगों को बहुत निराशा हुई। फिर उनकी वेबसाइट पर एक नोटिस आया जिसमें नई तारीख का ऐलान हुआ। मुझे थोड़ी फिक्र होने लगी थी अगर टिकट ना बुक हो सकी तो क्या होगा। खैर जिस दिन कोटा रिलीज होना था उस दिन की मैंने अपने चार साथियों को टिकट बुक करवा के देने की जिम्मेदारी सौंप दी थी वह विचारे सुबह 8 बजे से वेबसाइट लागिन करके बैठ गए। एक घंटे की कड़ी सिरखपाई के बाद भगवान वेंकटेश्वर जी की कृपा हो ही गई और मुझे 3-10-2021 की टिकट मिल गई। कमाल की बात तो यह रही कि मात्र 3 से 4 घंटे में सभी दर्शन टिकट बुक हो चुके थे।
टिकट तो बुक हो गई पर तिरूपति में रूम बुक नहीं हुआ था उसका कोटा रिलीज होने की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ था खैर जिस दिन कोटा रिलीज हुआ मुझे जानकारी थोड़ी देर बाद मिली तब तक सभी रूम बुक हो चुके थे। मुझे आशा थी टिकट मिल गई है वहां रूम भी अवश्य मिल जाएगा।
अपनी रामेश्वरम यात्रा समाप्त करने के पश्चात दिनांक 1-10-2021 को में रामेश्वरम से तिरूपति जाने वाली गाड़ी संख्या 06780 में सवार हो गया। गाड़ी ने ठीक 4:15 pm पर स्टेशन से रवानगी ली अगले दिन दिनांक 2-10-202 को सुबह में तिरूपति पहुंच चुका था। तिरूपति पहुंच कर में वहां से सीधा तिरूमला जाने वाली बस में सवार हो गया और घुमावदार पहाड़ी मार्ग से होते हुए जल्द ही में तिरूमला पहुंच गया। वहां पहुंच कर में रूम बुकिंग करने वाली लाइन में लग गया। रूम बुकिंग अधिकारी ने बड़े सख्त लहजे में मुझे कहा कि Single Person को रूम नहीं मिलता में थोड़ा परेशान हो गया कि अब में कहां रूकुंगा। एक एक वहां एक सज्जन उपस्थित हुए कमाल की बात तो यह वह महापुरुष हिन्दी भाषा भी जानते थे उन्होंने मुझे बताया कि सरदार जी आप घबराय नहीं आप यहां सामने से लाल बस पकड़ कर CRO Office चलें जाएँ वहां आप को हाल में रूकने की सुविधा के साथ साथ लाकर में समान रखने की सुविधा भी मिल जाएगी। चलते चलते मैंने उनसे पुछा की साहब यहां भोजन की क्या व्यवस्था है तो उन्होंने मुझे बताया कि आप के गुरूद्वारा साहिबान की भांति यहां पर भी वरहा स्वामी के मंदिर पीछे बने लंगर हाल में भोजन प्रसाद सेवा उपलब्ध है। में थोड़ा हैरान था कि साउथ इंडियन और इतनी शानदार हिंदी भाषा साथ में इन्हें सिख समुदाय के रीति रिवाज भी मालूम है। इससे पहले कि में उनसे उत्सुकता वश कुछ और पूछ पाता उन्होंने मुझे कहा कि आप पहले सामने जा कर लंगर प्रशादा शक लीजिए फिर यही से बस पकड़ कर CRO Office चले जाईगा आप का सब इंतजाम हो जाएगा में यरा जल्दी में हूँ कोई सज्जन मेरा इंतजार कर रहे हैं इतना कह कर वह महापुरुष वहां से चल दिए और झटपट मेरी नजरों से ओजल होते चले गए। मेरे मन मस्तिष्क में उस समय केवल गुरबाणी की निम्नलिखित पंक्ति ही गुंज रही थी
हर जी आए हर जी आए छड सिंघासन हर जी आए
खैर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए मैंने पहले लंगर हाल में सांबर चावल का लुफ्त उठाया और फिर वापस आ कर लाल बस में सवार हो गया जिसकी सेवा भी निःशुल्क थी। महज 15 मिनट में CRO Office पहुंच गया। वहां सज्जन ने मुझे बताया की इसकी Back side में यात्री सदन मोजूद है में वहां पहुंचा तो बिना किसी झंझट के मुझे आसानी से वहां लाकर और रहने की जगह मिल गई। यह हाल काफी बड़ा था। इस जैसे वहां 4 से 5 हाल थे। वहां मुझे एक सज्जन ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के चलते भीड़ कम है वरना यह सभी हाल खचाखच भरे रहते हैं। मैंने वहां इस्नान आदि करके बिना समय गवाए तिरूमला में मोजूद अन्य दर्शनीय स्थलों को भेंट देने का निर्णय किया। आप तिरूमला में निम्नलिखित दर्शनीय स्थलों को भेंट दे सकते हैं।Akasha Ganga Theertham, Srivari Padalu, Silathoranam, Venugopala Temple Papavinasanam etc शेयरिंग टैक्सी से इन सभी दर्शनिए स्थलों के दर्शन करके में पुनः यात्री सदन में लौट आया।
अगले दिन दिनांक 3-10-2021 को सुबह 10 बजे में भगवान वेंकटेश्वर जी के दर्शन करने हेतु निकल पड़ा मुख्य मंदिर परिसर में पुरुषों के लिए धोती अथवा कुर्ता पजामा और महिलाओं के लिए साड़ी और सलवार सुट पहनना अनिवार्य है। इसलिए मैंने धोती रात को ही खरीद ली थी। जिसे मैंने थैली में रख लिया और मंदिर के दर्शन हेतु निकल पड़ा मुख्य मंदिर परिसर की लाईन में लगने से पहले मैंने उसे पहन लिया और धीरे धीरे दर्शन करने हेतु आगे बढ़ने लगा दर्शन लाईन में आप जी के विवेक और धैर्य की कड़ी परीक्षा होगी और कुछ ही देर बाद आप भगवान वेंकटेशवर जी की भव्य प्रतिमा के सामने होंगे जो कि एक अंधेरे कमरे में सुशोभित है आप को दर्शन हेतु बस कुछ सैकंड का ही समय मिलेगा। आह हा प्रभु जी के सुंदर रूप का दर्शन कर मेरी आत्मा धन्य हो गई । जय हो जय हो गोविंदा
दर्शन करने के उपरांत मैंने लड्डू प्रसाद काउंटर से कुछ लड्डू लिए और वापिस बस पकड़ कर नीचे तिरूपति आ गया वहां के सरकारी बस स्टैंड से में बस पकड़ कर श्री कालाहस्ती मंदिर दर्शनों हेतु चला गया। आप तिरूमला में निम्नलिखित दर्शनीय स्थलों को भेंट दे सकते हैं
Sri govindaraja swamy temple
Sri Padmavathi Ammavari Temple 5km
srikalahasti temple 40km etc
मंदिर के दर्शनों के उपरांत में तिरूपति के बस स्टैंड से सीधा तिरूपति रेलवे स्टेशन पहुंच गया वहां से में अपनी आगे की यात्रा के लिए रवाना हो गया
यदी आप पहली दफा तिरूपति बालाजी के दर्शनों के लिए जानें वाले हैं उनकी सुविधा हेतु बता दूँ कि भगवान वेंकटेशवर जी का मंदिर ऊपर पहाड़ी पर तिरूमला में स्थित है। इस पहाड़ी की सात चोटियां है।
By Road 22 km
By Alipiri Mettu 3550 footsteps 12km
By srivari mettu 2388 footsteps 2.1km
यदि आप पैदल मार्ग का चुनाव करते हैं तो दोनों मार्गों से पैदल जाने वाले तीर्थ यात्रियों को दिव्य दर्शन टिकट तथा एक लड्डू प्रसादम की सुविधा मिलती है। इसके अलावा यदि आप सड़क मार्ग से तिरूमला जाना चाहते हैं तो आप तिरूपति रेलवे स्टेशन के बाहर से ही सरकारी बस तथा शेयर टैक्सी का भी चुनाव कर सकते हैं। यदि आप तिरूपति में ही रूकना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित यात्री निवासों का अपनी सुविधा अनुसार चुनाव कर सकते हैं।
Vishnu Nivasam,
Srinivasam,
Madhavam,
Thollappa garden,
Sri Govindaraja Swamy Choultry,
Sri Kodandarama Swamy 3rd Choultry etc
और यदि आप तिरूमला में रूकना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित यात्री निवासों का अपनी सुविधा अनुसार चुनाव कर सकते हैं।
Sri Padmavathi Guest House area
Sri Venkateswara Guest House area
Varahaswami Guest House
Marriage Halls and Cottage
Yatri Saddan
Madhava Nilayam etc
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