Emblem of Iran and Sikh Khanda

अगले दिन उसने इस दुर्गम मार्ग पर चढ़ाई प्रारम्भ कर दी वह शाम होते होते जैसे ही ऊपर पहुंचा। वहां पहुचने पर उसे कुछ स्थानीय लोगो ने बताया की कुछ दिन पहले ही केदारनाथ मन्दिर के कपाट भईया दूज के दिन पूजा करके बंद कऱ दिए गए हैं कपाट बन्द होने के बाद केदारनाथ की पंचमुखी प्रतिमा को ओखी मठ ले जाया जा चुका है। अब यह कपाट अगले वर्ष मेष सक्रांति से 15 दिन पहले खुलेंगे। वह भक्त बहुत दुखी हो गया और अपनी पीड़ा को मन में समेटे उन सज्जनों को प्रणाम कर एक जगह सोने की तलाश कर थका हारा सोने चला गया रोते रोते उसकी आँख लग गई उसकी आँख भौर में सुबह के 4 बजे के करीब खुली वह हैरान था मुख्य रावल जी पूजा अर्चना कर रहे थे लोग काफी खुश थे। वह अपनी सुद्ध बुद्ध भुलाकर भागता हुआ बिना देरी किए जाकर पूजा अर्चना में शामिल हो गया। पूजा अर्चना के बाद उसे उन सज्जनों में से एक सज्जन दुबारा दिखाई पड़े जो उसे कल रात मिले थे। वह उनके पास तेजी से पहुंचा महाराज जी आप लोगों ने तो मुझे कहा था कि कपाट बंद हो गए हैं अब एक वर्ष उपरांत खुलेंगे फिर आज कैसे एकाएक कपाट खुल गए। वह सज्जन उस भक्त की बात सुनकर एकदम सुन से हो गए। इससे पहले वह कुछ सोच समझ कर बोल पाते तभी एक व्यक्ति ने उन सज्जन से आकर पूछा इस वर्ष मेष संक्रांति किस दिन की पड़ रही है यजमान
यजमान तो कभी उस भक्त को देख रहे थे और कभी भगवान भोलेनाथ के दर को बस एक ही बात उनके मुंह से निकली तेरी लीला अपरम्पार है उसे कोई नहीं समझ सकता जय हो जय हो तेरी भोलेनाथ जी
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