Posts

Emblem of Iran and Sikh Khanda

Image
ईरानी प्रतीक चिह्न और सिखों के खंडे में क्या है अंतर पहली नजर में देखने पर सिखों के धार्मिक झंडे निशान साहिब में बने खंडे के प्रतीक चिह्न और इरान के झंडे में बने निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न में काफी सम्मानता नजर आती हैं परन्तु इनमें कुछ मूलभूत अन्तर हैं जैसे कि :   Colour : खंडे के प्रतीक चिह्न का आधिकारिक रंग नीला है वहीं ईरानी प्रतीक चिह्न लाल रंग में नज़र आता है। Established Year : खंडे के वर्तमान प्रतीक चिह्न को सिखों के धार्मिक झंडे में अनुमानतन 1920 से 1930 के दरमियान, शामिल किया गया था। वहीं निशान-ए-मिली के प्रतीक चिह्न को ईरान के झंडे में 1980 की ईरानी क्रांति के बाद शामिल किया गया था। Exact Date : इस ईरानी प्रतीक चिह्न को हामिद नादिमी ने डिज़ाइन किया था और इसे आधिकारिक तौर पर 9 मई 1980 को ईरान के पहले सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी जी ने मंजूरी के बाद ईरानी झंडे में शामिल किया गया। वहीं सिखों के झंडे का यह वर्तमान प्रतीक चिह्न विगत वर्षो के कई सुधारों का स्वरूप चिह्न है इसलिए इसके निर्माणकार और निर्माण की तिथि के बारे में सटीक जानकारी दे पाना बहुत जटिल बात है, ...

Pulse oximeter

Image
              पल्स ऑक्सीमीटर 1) SpO2 (O2 saturation level): पल्स ऑक्सीमीटर में SpO2 से हमें यह मालूम चलता है कि क्या हमारे फेफड़े ढंग  से काम कर रहे हैं या नही और क्या वह शरीर के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं या नहीं SpO2 हमारे खून में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर को दिखाता है।                                                                            बच्चों और 18 साल से ऊपर के लोगों में SpO2 की नॉर्मल रीडिंग 95 से 100 के बीच होती है। 94 से 90 की रीडिंग नॉर्मल नहीं मानी जाती यदि यह 94 95 कम बढ़त हो रही है तो नॉर्मल बात है परन्तु यदि यह लगातार 94 से कम जा रही तो यह आपकी सेहत के लिए ठीक बात नहीं है। आपको फेफड़ों से सम्बंधित व्यायाम करने चाहिए इसके लिए आप कपाल भाती या फिर  Spirometer respiratory lung exerciser  का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। परन्तु अगर SpO2...

Gurdwara Badi Sangat Sahib Ji

Image
  ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਗੁਰੂ ਬਾਗ            ॥ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਦਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫ਼ਤਹਿ॥  ਗੁਰੂ ਪਿਆਰੀ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀ ਆਪਣੇ ਇਸ ਲੇਖ ਰਾਹੀਂ ਮੈਂ ਆਪ ਜੀ ਨਾਲ ਬਨਾਰਸ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬਾਂ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਦਾ ਵਿਔਰਾ ਸਾੰਝਾ ਕਰਨ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ। ਬਨਾਰਸ ਨੂੰ ਵਾਰਾਨਸੀ ਅਤੇ ਕਾਸ਼ੀ ਦੇ ਨਾਮ ਤੋ ਵੀ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਮੇਰੀ ਯਾਤਰਾ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਆੰਨਦ ਵਿਹਾਰ ਟਰਮੀਨਲ ਤੋਂ ਮੀਤੀ 20-11-2020 ਨੂੰ ਦੋਪਹਿਰ ਨੂੰ 1:30 ਵਜੇ ਗੱਡੀ ਸੰਖਿਆ 03258 ਰਾਹੀਂ ਹੋਈ ਜਿਸ ਰਾਹੀਂ ਮੈਂ ਅਗਲੇ ਦਿਨ ਸਵੇਰੇ 2:45 ਤੇ ਵਾਰਾਨਸੀ ਪੂਜ ਗਿਆ। ਉਥੋਂ ਬੈਟਰੀ ਵਾਲੇ ਰਿਕਸ਼ੇ ਵਿੱਚ ਬੈਠ ਕੇ ਮੈਂ ਗੋਦਲਇਆ ਚੋਂਕ ਪੂਜ ਗਿਆ। ਗੋਦਲਇਆ ਚੋਂਕ ਤੋਂ   ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਬਡੀ ਸੰਗਤ ਸਾਹਿਬ ਥੋੜੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਹੀ ਨੀਚੀਬਾਗ ਵਿਖੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ਮੇਂ ਪੈਦਲ ਹੀ ਪੰਜਾ ਮਿਨਟਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਪੁੱਜ ਗਿਆ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਗੇਟ ਬੰਦ ਸੀ ਜੋ ਕੀ ਕਰੀਬ ਚਾਰ ਕੁ ਵਜੇ ਖੁਲਿਆ। ਇਸ ਪਵਿੱਤਰ ਅਸਥਾਨ ਤੇ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ 1666 ਵਿਚ ਭਾਈ ਕਲਿਆਣ ਜੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਥਨਾਂ ਤੇ ਪਧਾਰੇ ਸਨ। ਇਹ ਉਹ ਪਵਿੱਤਰ ਅਸਥਾਨ ਜਿੱਥੇ ਗੁਰੂ ਮਹਾਰਾਜ ਜੀ ਨੇ 7 ਮਹੀਨੇ 13 ਦਿਨ ਤਕ ਤਪ ਕੀਤਾ ਸੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਤਪੋ ਬਲ ਨਾਲ ਗੰਗਾ ਮਾਂ ਨੂੰ ਇਥੇ ਹੀ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ ਸੀ। ਜੋ ਕਿ ਪਵਿੱਤਰ ਖੂਹ ਰੂਪ...

Gurdwara Sri Nanakmatta Sahib Darshan Yatra

Image
                  ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਨਾਨਕਮੱਤਾ ਸਾਹਿਬ ਜੀ           ॥ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਦਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫ਼ਤਹਿ॥  ਗੁਰੂ ਰੂਪ ਪਿਆਰੀ ਸਾਦ ਸੰਗਤ ਜੀ ਆਪਣੇ ਇਸ ਲੇਖ ਰਾਹੀਂ ਮੈਂ ਆਪ ਜੀ ਨਾਲ ਆਪਣੀ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਨਾਨਕਮੱਤ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਦਾ ਵਿਔਰਾ ਸਾੰਝਾ ਕਰਣ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ । ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਨਾਨਕਮੱਤਾ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਉੱਤਰਾਖੰਡ ਦੇ  ਊਧਮ ਸਿੰਘ ਨਗਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੇ  ਨਾਨਕਮੱੱਤਾ ਕਸਬੇ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਹੈ ਜੋ ਕੀ ਰੁਦਰਪੁਰ ਸਿੱਟੀ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 54 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਅਤੇ  ਖਟੀਮਾ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ 15 ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਦੂਰ ਟਨਕਪੁਰ ਸੜਕ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ।  ਨਾਨਕਮੱਤਾ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਨਾਂਅ ਗੋਰਖਮੱਤਾ ਸੀ।  ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਆਪਣੀ ਇੱਕ ਉਦਾਸੀ ਦੌਰਾਨ ਇਥੇ ਆ ਕੇ ਸਿੱਧਾਂ ਨਾਲ ਅਧਿਆਤਮਿਕ ਵਿਚਾਰ-ਵਿਮਰਸ਼ ਕੀਤੇ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਅਹੰਕਾਰ ਚਕਨਾਚੂਰ ਕੀਤਾ। ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਸਰੋਵਰ ਪਾਸ ਪੀਪਲ ਦਾ ਬੂਟਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਗੁਰੂ ਮਹਾਰਾਜ ਦੇ ਆਗਮਨ ਤੇ ਸੂਕੇ ਤੋਂ ਹਰਿਆ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ। ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਇਕ ਭੋਰਾ ਬਣਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਸਿੱਧਾ ਨੇ ਇਕ ਬਾਲਕ ਨੂੰ ਮਿਟੀ ਵਿੱਚ ਲੂਕਾ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਜੋ ਆਵਾਜ਼ ਦਿੰਦਾ ਸੀ ਧਰਤੀ ਸਿੱਧਾ ਦੀ ਪਰ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਆਗਮਨ ਤਕ ਉਹ ਬੱਚਾ ਮਰ ਚੁੱਕਾ ਸੀ। ਪਰ ਸ...

Shri Kashi Vishwanath jyotirlingakaise jaye

Image
                        श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे नमस्कार साथियों अपने इस लेख के माध्यम से में आप जी को अपनी काशी विश्वनाथ जी की दर्शन यात्रा का सम्पूर्ण विवरण बताने जा रहा हूँ जो कि इस प्रकार से है। श्री काशी विश्वनाथ जी के दर्शनों के लिए जाने के लिए सर्वप्रथम आप जी को अपने शहर से सड़क या रेल मार्ग से वाराणसी , अन्य नाम बनारस या फिर कहिए काशी पहुंचना होगा। वाराणसी में तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। वाराणसी जंक्शन, बनारस रेलवे स्टेशन (पूर्व नाम – मंडुआडीह रेलवे स्टेशन), पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (पूर्व नाम-  मुग़ल सराय जंक्शन) इनमें से  अधिकांश यात्री वाराणसी जंक्शन को हि प्राथमिकता देते हैं। मैंने अपनी दर्शन यात्रा की शुरुआत दिल्ली के आन्नद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन   की मैंन वाराणसी आने जाने की रेल टिकट पहले ही बुक करवा ली थी। दिनांक 20-11-2020 को गाड़ी संख्या 03258 ने ठीक 1:30 pm पर रेलवे स्टेशन से रवानगी ली। अगले दिन ठीक 2:45 am पर भोर के समय में वाराणसी जंक्शन   पहुंच गया। स्टे...

Kedarnath jyotirlinga kaise jaye

Image
                                    केदारनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे नमस्कार साथियों अपने इस लेख के माध्यम से में आप जी को अपनी केदारनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा का सम्पूर्ण विवरण बताने जा रहा हूँ जो कि इस प्रकार से है। केदारनाथ धाम जाने के लिए आपको सर्वप्रथम रेल या बस के माध्यम से हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचना होगा। इसके आगे सोनप्रयाग तक का सफर आप को बस या शेयरिंग जीप से तय करना होगा। सोनप्रयाग से गोरीकुंड फिर आपको शेयरिंग जीप के माध्यम से ही जाना होगा। गोरीकुंड से ही केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा की शुरुआत होती है। कोरोना महामारी के कारण पूरा भारत बंद था और में बड़ी उत्सुकता से लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहा था कि कब हालात थोड़े सामान्य हों और कब में केदारनाथ दर्शन करने जाऊँ। इस बीच यू ट्यूब पर सितम्बर माह में यात्रियों की केदारनाद दर्शन यात्रा  की वीडियो अपलोड होने लगी इससे मेरी आस को पुनः बल मिलने लगा। परमात्मा की कृपा से 1 अक्टूबर 2020 को मैने भी उतराखंड स्मार्ट सिटी तथा चार धाम देवदर्शन बो...

Somnath Jyotirling Yatra

Image
             सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा नमस्कार साथियों अपने इस लेख के माध्यम से मे आप जी को अपनी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा का सम्पूर्ण विवरण बताने जा रहा हूँ जो कि इस प्रकार से है। सोमनाथ मंदिर के नजदीकी रेलवे स्टेशन सोमनाथ और वेरावल है। क्योंकि अधिकांश स्थानों से यहां के लिए सीधी ट्रेन नहीं है। इसलिए राजकोट रेलवे स्टेशन उतरना ही ठीक रहता है। वहां से वेरावल रेलवे स्टेशन जाने के लिए कई पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन असानी से मिल जाती हैं । सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा कि शुरुआत मैने दिनांक 09-03-2020 को दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन से कि मैने सुबह के 8 बजे यहां से गाड़ी संख्या 19264 में सीट ग्रहण की जिसे मैंने पहले ही बुक करवा रखा था। ट्रेन ने अगले दिन दिनांक 10-03-2020 को मुझे 7:50 am पर राजकोट रेलवे स्टेशन पर उतार दिया। यहां से आगे वेरावल जाने वाली पहली पैसेंजर ट्रेन जा चुकी थी। इसलिए मुझे राजकोट स्टेशन पर ही कुछ देर इंतजार करना पड़ा। यहां मेरी मुलाकात दो गुजराती भाइयों से हूई उन्हें भी वेरावल से पहले केसोद स्टेशन पर उतरना था। इनके...

Behlol dana aur dhokebaaz log

Image
             30.बोहलोल साहिब और धोखेबाज लोग एक मरतबा हारून अपने दरबार में बहुत गुस्से में बैठा हुआ था। एक सय्याह सौदागर अपने इलम एंव झूठी बातों के दम पर उससे काफी बड़ी रकम ऐंट कर ले गया था। उसने अपनी मीठी बातों से हारून की आंखों मे धूल झोंक कर उसे अपना दीवाना बना लिया था और उसके लिए सदा जवान रहने वाला माजून बनवाकर लाएगा यह वादा करके गया था पर एक अर्से से वापीस नहीं लौटा था। हारून के दरबार जब इस धौखेबाज की बात चल रही थी तो बोहलोल साहिब भी वहीं मौजूद थे। हारून की शक्ल देख कर उन्हें हँसी आ गई। बोहलोल साहिब ने हँसी रोकते हुए बोले। इस धोखे बाज़ सय्याह का क़िस्सा तो बिल्कुल एक बुढ़िया के मुर्गे और बिल्ले के क़िस्से से मिलता जुलता है। बयान करो हारून ने बेकरारी से कहा। हुजूर क़िस्सा कुछ यूँ है के एक मरतबा एक बिल्ली ने एक बुढ़िया का पालतू मुर्ग़े को झपट लिया। बुढ़िया उसके पीछे दुहाई देती दौड़ी। अरे-अरे। पकड़ो। इस चोट्टी बिल्ली को पकड़ो। ज़ालिम मेरा दो सेर का मुर्ग़ लेकर भागी जाती है। कोई मेरी मदद करो। कोई तो इस बिल्ली को पकड़ो। हाय मेरा नाज़ो से पाला मुर्ग...